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बक्सर. जिले के डुमरांव नगर में केसरवानी वैश्य सभा की ओर से परिवार मिलन समारोह का आयोजन किया गया. जहां मैट्रिक और इंटर के सफल छात्रों को पुरस्कृत किया गया. इस दौरान उनका सदियों पुराना दर्द भी छलका. इस संबंध में जानकारी देते हुए तरुण सभा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज केसरी ने बताया कि बिहार, यूपी, बंगाल व झारखंड में निवास करने वाले केसरी समाज के लोग 15वीं सदी में काश्मीर से विस्थापित होकर आए थे. उन्होंने बताया कि केसरी समाज महर्षि कश्यप के वंशज है और 15वीं शताब्दी मंस मुगलों के अत्याचार से उनके पूर्वज कश्मीर छोड़ने को मजबूर हुए थे. समाज को एकजुट करने के उद्देश्य से हर साल होता है कार्यक्रम मनोज केसरी ने बताया कि कश्मीर से विस्थापित होने से पहले केसरी समाज के लोग वहां पर केसर की खेती करते थे. वहीं मुगलों के अत्याचार से तंग आकर केसरी समाज वहां से पलायन कर यूपी, बिहार, झारखंड, बंगाल आदि प्रदेशों में बस गए. जहां सभी लोग अलग-अलग व्यवसाय शुरू कर अपना नया आशियाना बना लिया. मनोज ने बताया कि अपने समाज को एकजुट रखने के लिए हर साल यह आयोजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि उनकी पिछली पीढ़ी तक कश्मीर से जुड़ी स्मृतियां व जमीन के कागजात उनके पास थे। लेकिन, अब वो दस्तावेज शायद हीं किसी के यहां सुरक्षित होगा. उन्होंने इस दौरान केसरी समाज के कश्मीर से विस्थापन का दर्द और पूर्वजों के संबंध में कई कहानियां भी सुनाई.
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